रात नहीं ख्वाब बदलता है,मंजिल नहीं कारवाँ बदलता है;जज्बा रखो जीतने का क्यूंकि,किस्मत बदले न बदले ,पर वक्त जरुर बदलता है
रात नहीं ख्वाब बदलता है,मंजिल नहीं कारवाँ बदलता है;जज्बा रखो जीतने का क्यूंकि,किस्मत बदले न बदले ,पर वक्त जरुर बदलता है
0 Comments